गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥
बिहार राज्य प्रार्थना
मेरी रफ्तार पे सूरज की किरण नाज करे
ऐसी परवाज दे मालिक कि गगन नाज करे
वो नजर दे कि करूँ कद्र हरेक मजहब की
वो मुहब्बत दे मुझे अमनो अमन नाज करे
मेरी खुशबू से महक जाये ये दुनिया मालिक
मुझको वो फूल बना सारा चमन नाज करे
इल्म कुछ ऐसा दे मैं काम सबों के आऊँ
हौसला ऐसा हीं दे गंग जमन नाज करे
आधे रस्ते पे न रूक जाये मुसाफिर के कदम
शौक मंजिल का हो इतना कि थकन नाज करे
दीप से दीप जलायें कि चमक उठे बिहार
ऐसी खूबी दे ऐ मालिक कि वतन नाज करे
जय बिहार जय बिहार जय जय जय जय बिहार
बिहार राज्य गीत
मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत-शत वंदन बिहार
तू वाल्मीकि की रामायण, तू वैशाली का लोकतंत्र
तू बोधिसत्व की करूणा है, तू महावीर का शांतिमंत्र
तू नालंदा का ज्ञानदीप, तू हीं अक्षत चंदन बिहार
तू है अशोक की धर्मध्वजा, तू गुरूगोविंद की वाणी है
तू आर्यभट्ट तू शेरशाह, तू कुंवर सिंह बलिदानी है
तू बापू की है कर्मभूमि, धरती का नंदन वन बिहार
तेरी गौरव गाथा अपूर्व, तू विश्व शांति का अग्रदूत
लौटेगा खोया स्वाभिमान, अब जाग चुके तेरे सपूत
अब तू माथे का विजय तिलक, तू आँखों का अंजन बिहार
तुझको शत-शत वंदन बिहार, मेरे भारत के कंठहार
राष्ट्रीय गीत
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
राष्ट्र-गान
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता ।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे
गाहे तव जय-गाथा ।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे ।
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